23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 संगी बिलहोर देथे 🌷
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संगी बिलहोर देथे ।
बस दांत निपोर देथे ।।
लाहो झन लेय कोनो ।
गोड़े ला टोर देथे।।
जिनगी हमर सुघ्घर इहां।
हिरदे ले जोर देथे ।।
दुनिया के रंग अलकर ।
मन ले मन घोर देथे।।
कब दरिया पार होही ।
डोंगा ला बोर देथे।।
मनखे के जात खेदू।
बस रोज चिभोर देथे।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-12-2023 मंगलवार