Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2023 · 1 min read

23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 तै मया के रंग घोर देबे🌷
212 2212 122
तै मया के रंग घोर देबे।
रोज दुनिया संग बोर देबे ।।
महकत रही फूल अपन बगियां ।
सुघ्घर चिनहा जोंग जोर देबे।।
बदल जाही देख हमर जिनगी।
तेहर जुन्ना रीति टोर देबे।।
नजर मा सब राख के इहां रा।
माथ ला सिरतोन फोर देबे ।।
बन जही खेदू नवा रद्दा हा।
दांत ला झन तै निपोर देबे।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
14-11-2023मंगलवार

270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

হনুমানের গান (হনুমানকে নিয়ে লেখা গান)
হনুমানের গান (হনুমানকে নিয়ে লেখা গান)
Arghyadeep Chakraborty
I am always more supportive to people who goes against again
I am always more supportive to people who goes against again
Ankita Patel
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
अमृतमयी प्रेम
अमृतमयी प्रेम
Nitin Kulkarni
*इश्क यूँ ही रुलाता है*
*इश्क यूँ ही रुलाता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
योग प्राणायाम
योग प्राणायाम
surenderpal vaidya
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मंज़िल अभी थोड़ी दूरहै
मंज़िल अभी थोड़ी दूरहै
Ayushi Verma
ख्वाब
ख्वाब
Phool gufran
क्रम में
क्रम में
Varun Singh Gautam
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
कवि दीपक बवेजा
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
Sonam Puneet Dubey
मन के मीत
मन के मीत
Ramswaroop Dinkar
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
संदूक पुरानी यादों का!
संदूक पुरानी यादों का!
Pradeep Shoree
"स्वच्छता अभियान" नारकीय माहौल में जीने के आदी लोगों के विशे
*प्रणय*
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
Ashwini sharma
बुला रही है चिता..!
बुला रही है चिता..!
Prabhudayal Raniwal
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
3543.💐 *पूर्णिका* 💐
3543.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
Ranjeet kumar patre
जय माँ चंद्रघंटा
जय माँ चंद्रघंटा
©️ दामिनी नारायण सिंह
"चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
Dekho Bander bantta
Dekho Bander bantta
विनोद सिल्ला
इस शहर में.....
इस शहर में.....
sushil yadav
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...