23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 दीया के अंजोर बगरगे🌷
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दीया के अंजोर बगरगे।
ये सुघ्घर गली खोर निखरगे।।
देख फटाका करत धमाका।
खुसहाली हर आज बिखरगे।।
मनखे के बनय नवा जिनगी ।
देवारी के नेंग अतरगे।।
करियर रतिहा अपन भगाही।
अइसन संगी नेक हबरगे।।
करम कमावत खेदू भइया ।
भव सागर ले दुनिया तरगे।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-11-2023रविवार(देवारी )