23/121.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/121.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 * नखरा लगावत रथे *🌷
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नखरा लगावत रथे ।
झगरा मतावत रथे ।।
ओखी बिकट हे इहां ।
जबरन झपावत रथे ।।
दुनिया हलाकान हे।
जिनगी बितावत रथे ।।
तीरथ बरथ का करय ।
मनखे सुनावत रथे ।।
अंजोर खेदू जिहां ।
रोज बगरावत रथे ।।
…………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
04-11-2023शनिवार