23/117.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/117.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 बर बिहाव कर ले बाबू🌷
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बर बिहाव कर ले बाबू।
सब हियाव कर ले बाबू।।
देख सुन रद्दा रेंग इहां ।
तै नियाव कर ले बाबू ।।
अंधियार अंजोर हवे ।
खुद चुनाव कर ले बाबू ।।
सुघ्घर जतन काहत जिनगी।
मोल भाव कर ले बाबू ।।
बस कथे मया बर खेदू।
धूप छाँव कर ले बाबू ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
02-11-2023गुरुवार