23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 *का हवे परसानी तोला *🌷
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का हवे परसानी तोला।
अपन बनाहूं रानी तोला।।
देखईया देखत रहिथे।
नी दिखे मनमानी तोला।।
धर रद्दा तै चलते रहिबे।
बस पियाहूं पानी तोला।।
हे मया पीरित के बंधना।
अपन बनाहूं रानी तोला।।
सुघ्घर बनही जिनगी खेदू।
कहत गुरतुर बानी तोला ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
02-11-2023गुरुवार