23 मार्च, बलिदान दिवस पर श्रृद्धा सुमन
देश के वीर सपूतों, राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को समर्पित!
तीन पंक्षी उड़े तो …चमन रो पड़ा!
वो खुशी थे मगर ये गगन रो पड़ा!
हॅंसते् हॅंसते लुटाई थी् जां देश पर,
वो चले जब ये् सारा वतन रो पड़ा!
…..✍ सत्य कुमार ‘प्रेमी’