इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
बिन तुम्हारे अख़बार हो जाता हूँ
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
దీపావళి కాంతులు..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*