क्यों रिश्तों में आता है बदलाव
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
रामायण में हनुमान जी को संजीवनी बुटी लाते देख
गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....!
गिरने से जो डरते नहीं.. और उठकर जो बहकते नहीं। वो ही.. "जीवन
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
प्रजातन्त्र आडंबर से नहीं चलता है !
शहर में आग लगी है उन्हें मालूम ही नहीं
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]