20 साल बाद
देश हो या हो विदेश, खत्म तेल, कोल,गैस,
अन्न भी समाप्त होगा, बीस-तीस साल में ।
यंत्रों के बड़े कबाड़, चारों ओर मारधाड़,
विश्व के अनेक देश , युद्धग्रस्त हाल में।।
उग्र हो गए त्यौहार, रक्त हो गया सवार,
हिंस्र हो चुके हैं लोग, आपसी बबाल में।
दो धड़े हुए सशक्त, लोकतंत्र के समक्ष,
राष्ट्रभक्ति की कमी है, भारती के लाल में।।
(जगदीश शर्मा)