हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
नारी और चुप्पी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
नाम बहुत हैं फ़ेहरिस्त में नाम बदल सकता हूँ मैं,
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
" अब कोई नया काम कर लें "