मन की भाषा #100 शब्दों की कहानी#
“निर्मला स्कूल से रोते हुए आई”, उसके शरीर पर सफेद दाग की वजह से बच्चों ने बुरी तरह चिढ़ाया था , उसने मन में सोचा कि मां तो इस दुनिया में है नहीं, तो मेरी व्यथा समझेगा कौन ?
इतने में आवाज सुन दूसरी मां आस्था आई, “प्यार से पुचकारते हुए रोने का कारण पुछा” मां की आंखें भर आईं ।
उसका रोना थमा नहीं, इतने में आस्था ने कहा “मैं समझ गयी बेटी ” रो मत । रोकर नहीं, ऐसे लोगों को करारा जवाब देना होगा । मैंने मन की भाषा समझी बेटी तेरी, आखिर मां जो हूं ।