Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

10. *असम्भव नहीं कुछ*

नहीं असम्भव कुछ भी…
गर यत्न करे हम,
मुमकिन है उड़ना बिन पंखों के भी…
गर आशाओं के पंख लगा ले हम।
होगा गगन भी पांवों तले…
गर उड़ान भरें संकल्प से हम।
हर मुश्किल होगी आसान..
गर प्रयत्न करें हम।
मिटेगा गमों का अंधेरा …
गर खुशियों के दीप जलाएं हम।
खुशियों से महकेगा चमन..
गर वक़्त की गर्दिशों को भुला दे हम ।
जब जागेगें तभी होगा सवेरा,
गर गफलत से निकले तो हम।
मंजिल भी मिलेगी जरूर…
‘मधु’ गर बढ़ते जायेगें हम।

110 Views
Books from Dr .Shweta sood 'Madhu'
View all

You may also like these posts

- रुसवाई -
- रुसवाई -
bharat gehlot
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
"ख़्वाहिशें"
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरी सी ज़िंदगी   ....
अधूरी सी ज़िंदगी ....
sushil sarna
नि: शब्द
नि: शब्द
Sonam Puneet Dubey
भूल सकते थे आपको हम भी
भूल सकते थे आपको हम भी
Dr fauzia Naseem shad
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री
Mukesh Kumar Sonkar
******प्यारी मुलाक़ात*****
******प्यारी मुलाक़ात*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंधेरा कभी प्रकाश को नष्ट नहीं करता
अंधेरा कभी प्रकाश को नष्ट नहीं करता
हिमांशु Kulshrestha
पिता का साथ
पिता का साथ
Seema gupta,Alwar
*पानी सबको चाहिए, सबको जल की आस (कुंडलिया)*
*पानी सबको चाहिए, सबको जल की आस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
Ajit Kumar "Karn"
वक्त हालत कुछ भी ठीक नहीं है अभी।
वक्त हालत कुछ भी ठीक नहीं है अभी।
Manoj Mahato
*मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है*
*मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है*
Krishna Manshi
बाते और जिंदगी
बाते और जिंदगी
पूर्वार्थ
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2497.पूर्णिका
2497.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
उजालों के साए
उजालों के साए
Kanchan verma
भावनात्मक शक्ति
भावनात्मक शक्ति
Sudhir srivastava
"बेशर्मी" और "बेरहमी"
*प्रणय*
तुम्हारा आना
तुम्हारा आना
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
स्पर्श
स्पर्श
Satish Srijan
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
Rituraj shivem verma
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
सत्य की जय
सत्य की जय
surenderpal vaidya
गुरु रत्न सम्मान हेतु आवेदन आमंत्रित हैं
गुरु रत्न सम्मान हेतु आवेदन आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Loading...