1…
1…
.”वफा.”
ख्वाहिशों के समुन्दर में
गोते लगाते रहिए……
ग़म को सीने में दफ़नकर…
मुस्कुराते रहिए…….
अगर है किसी से सच्ची मुहब्बत….
तो गीत वफ़ाके गुनगुनाते रहिए….
2.”..गुरुर”’
…..मेरा गुरुर तुझसे कहीं कम नहीं भी था…..
…..प्यार का दम भरने का,इन्तज़ार कम नहीं भी था…
…..जब बीज डाला था तो, खिलने का इन्तज़ार तो करते….
…..कैसे यह माना आपने कि मेरे प्यार में दम ही नहीं था…..
3..
..”.हम’
…..अपनी नज़दीकियों को खुद से सिमटा लिया हमनें….
…..इस बेदर्द ज़माने की बुरी नज़र सेखुद को बचा लिया हमने….
…..वक्त खुद का हिसाब रखेगा,
……इस वक्त को आज से अपना बना लिया हमनें….
4..”तन्हा”
……आजकल हम खुद को….
……ना जाने क्यों ‘तन्हा’ ही पाते हैं…
…..तन्हाइयों संग ‘अब’ हम कुछ अपनी…..
…..सुनते हैं कुछ,खुद सुनाते हैं…..
5..
”आवाजं”
हवाओं में आज़ कुछ तल्खी सी छाई….
किसी कबर् से आवाज़ फिर आयी….
ऐ….नाज़नीन ज़रा हौले से चल…
यहां पर भी ,किसी का महबूब सोया है……
6..
”धूल”
गर्म कपड़े पर लगी धूल सा झार दिया तुमनें…
धूल से ही उठाया ,धूल में ही वार दिया तुमनें…
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