?? हास्य ? गीत ??
?? हास्य ? गीत ??
इस दिले नादान ने मुझपे कहर बरपा दिया।
वो मिली-बिछड़ी औ गम का टोकरा थमा दिया।
फिर मिली वो बाद अरसा और हमें भरमा दिया।
किसी कमीने ने उसे दो बच्चों की अम्मा बना दिया।
इस दिले नादां ने …..
जब-जहाँ-जिससे मिला मैं ये शराबी हो गया।
नैन -नयनों से मिला कर के गुलाबी हो गया।
उस समय तो हाल मेरा भी कबाबी हो गया।
बे-फिकर बे-पर्द ना-जिम्मा-जवाबी हो गया।
शहंशाहों सा मिरा ताजो-तखत सरपा दिया।
इस दिले नादान ने …..
क्या कहें उस दर्द का किस्सा-फ़साना बन गया।
रोज जब उसकी गली में आना-जाना बन गया।
लोग सब कहने लगे तू तो दिवाना बन गया ।
कुछ मिला ना मुफ़्त में दुश्मन जमाना बन गया।
हाय री किस्मत मेरी! रह-रह मुझे तड़पा दिया।
इस दिले नादान ने …..
इस दिले नादान ने मुझको सताया है बहुत।
आज इसपे कल किसी पे ये सदा आया बहुत।
इक दफा तो बाप से मुझको है पिटवाया बहुत।
लात-घूंसों चप्पलों की मार खा आया बहुत।
खेत में रौंदा बहुत और हाथ में खुरपा दिया।
इस दिले नादान ने …..
?????????
तेज 28/4/17✍