Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 1 min read

? स्कूल का घंटा ? (हास्य कथा)

?एक आदमी था जो कॉन्वेंट स्कूल में पीरियड और छुट्टी की घंटा बजाता था।
? टन..टन..टन..टन..टन.. ?
एक दिन स्कूल के नए प्रिंसिपल की नज़र उसपर गयी, तो उससे पूछ बैठे उसके बारे में,
मतलब कितना पढ़े हो आदि।
?
उन्हें जान कर हैरत हुई कि उनके इस प्रतिष्ठित स्कूल का घंटा बजाने वाले कर्मचारी अनपढ़ है।
उन्होंने कहा कि ये नही हो सकता और प्रिंसिपल ने उस घंटा बजाने वाले को निकाल दिया।
?
अब वो बेचारा क्या करे , कुछ काम नही , फाके की नौबत, तो किसी ने सलाह दी कि फलाना रास्ते पर समोसा बेचो।
कुछ तो कमाई होगी
?
उसने समोसे बेचना शुरू किया। ईश्वर कृपा रही और कुछ मेहनत, दुकान चल निकली।
?
खोमचे से गुमटी हुआ , गुमटी से दुकान , फिर बाजार की सबसे फेमस दुकान।
?
धंधा आगे बढा तो बच्चों कों इस काम मे लगा कर और भी धंधे आजमाए।
?
आगे चलकर वो शहर का जाना माना सेठ बन गया। कई प्रतिस्ठान हो गए।

एक बार एक पत्रकार आया उनका इंटरव्यू लेने।

बाकी बातों को पूछने के बाद उसने पूछा कि आप कहाँ तक पढ़े हैं।
?
उसे भी जानकर हैरत हुई कि इतना बडा सेठ तो अनपढ़ है।
?
पत्रकार ने कहा कि आप नही पढ़े लिखे हैं फिर भी इतना बड़ा ब्यापार किए , इतने सफल है।
मैं सोच रहा हूँ कि अगर आप पढ़े होते तो क्या कर रहे होते।
?
सेठ ने कहा – स्कूल में घंटा बजा रहा होता।
? टन..टन..टन..टन..टन.. ?
?????

??????????????

✍️✍️✍️✍️✍️ by :
? Mahesh Ojha
? 8707852303
? maheshojha24380@gmail.com

Language: Hindi
717 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
हॅंसी
हॅंसी
Paras Nath Jha
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
■ कविता-
■ कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
दोस्ती...
दोस्ती...
Srishty Bansal
5-सच अगर लिखने का हौसला हो नहीं
5-सच अगर लिखने का हौसला हो नहीं
Ajay Kumar Vimal
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
हिन्दी दोहा- मीन-मेख
हिन्दी दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बना शहर को गई जलाशय, दो घंटे बरसात (गीत)*
*बना शहर को गई जलाशय, दो घंटे बरसात (गीत)*
Ravi Prakash
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पूर्वार्थ
खुशियाँ
खुशियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
Manisha Manjari
बता ये दर्द
बता ये दर्द
विजय कुमार नामदेव
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
Taj Mohammad
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
Kuldeep mishra (KD)
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
ठहराव नहीं अच्छा
ठहराव नहीं अच्छा
Dr. Meenakshi Sharma
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
Kishore Nigam
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
गीतिका
गीतिका "बचाने कौन आएगा"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
రామయ్య మా రామయ్య
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
घूँघट के पार
घूँघट के पार
लक्ष्मी सिंह
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हो गई जब खत्म अपनी जिंदगी की दास्तां..
हो गई जब खत्म अपनी जिंदगी की दास्तां..
Vishal babu (vishu)
!! दर्द भरी ख़बरें !!
!! दर्द भरी ख़बरें !!
Chunnu Lal Gupta
"शुभचिन्तक"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...