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19 Jan 2022 · 1 min read

? इलेक्शन विलेक्शन?

डॉ अरुण कुमार शास्त्री

एक अबोध बालक ? अरुण अतृप्त

? इलेक्शन विलेक्शन?

सत्ता के गलियारों की

रही अघोषित राह।।

कौन विजय को पायेगा

इसकी कोई न थाह ।।

निर्दलीय जीतत रहे
दल गत पसरे चित ।।

दल गत पसरे चित
के मौलाना निशचिंत

बड़े बड़े बेनर हुऐ
गुरु घण्ट के साथ ।।

औघड़ ने है मिला लिया
अबके गुप् चुप हाँथ ।।

सपा बसपा और आप का
सीधा हुआ संबाद ।।

बीजेपी सुर नर मुनि भूप के ,
हैं हुये राम लला जी तो नाथ ।।

कांग्रेस अध्यक्ष तो
काहू से डरते नहीँ
पंजाबी संग्राम के
सिद्धूसिंह उस्ताद।।

हमरे जैसे तो कर रहे
कविताई निर्द्वन्द
न काहू से दोस्ती
न काहू से द्वन्द ।।

मौसिकी के रंग की
बड़ी अपूरव बात

मुँह से मुँह न मिलाइये
मीठी लोरी गाइये

सत्ता के गलियारों की
रही अघोषित राह।।

कौन विजय को पायेगा
इसकी कोई न थाह ।।

निर्दलीय जीतत रहे
दल गत पसरे चित ।।

दल गत पसरे चित
के मौलाना निशचिंत

बड़े बड़े बेनर हुऐ
गुरु घण्ट के साथ ।।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 276 Views
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