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12 Feb 2022 · 8 min read

?जब मैंने अपनी पूरी spine (रीड़ की हड्डियों )की MRI अर्थात मेग्नेटिक रेजोन्नेंस इमेजिंग करवाई ?

डा. अरुण कुमार शास्त्री:
डा0 अरुण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक *अरुण अतृप्त

अद्भुत संस्मरण

जब मैंने अपनी पूरी spine (रीड़ की हड्डियों )की MRI अर्थात मेग्नेटिक रेजोन्नेंस इमेजिंग करवाई

मुझे लगभग 20साल से कटि वेदना रह्ती है । उसका कारण जो मैं समझता हुँ वो ये कि 35 साल पहले पहली मंजिल पर बॉक्स टाइप दीवान चड़ाते हुए सीडियों पर ऊपर वाले के हाँथ से अचानक वो छूट गया था तो उसका वजन मेरे पर आ गया था ।

उस समय मुझे कोई परेशानी नहीँ हुई थी कोई दर्द वेदना कोई मस्कुलर क्रेम्प आदि नहीं था।

फिर हम और एक मित्र 30 दिन की दक्षिण भारत की यात्रा पर सपरिवार चले गये थे ।

सम्पूर्ण दक्षिण भारत ऐतिहासिक व मन्दिर आदि देखने की प्रवल जिज्ञासा थी सो मन बना लिया तो अच्छे से पेकिंग इत्यादि कर के निकले थे।

उस यात्रा की उस समय रेल से सर्कुलर मतलब आना और जाना दोनो रेजर्वेश्ंन एक साथ हो जाती थी बस तिथी इत्यादि ध्यान से केल्कुलेट कर के जाना पड्ता था हमने इसके लिये 10, 20 दिन पेहले से खूब त्ययारी की थी सो , वो सब ठीक रहा । खैर ।

लेकिन वहाँ से आने के कूछ दिन बाद ये कमर दर्द रहने लगा । कुछ दिन अपनी चिकित्सा करी । आराम आ गया ।

लेकिन 20 दिन बाद फिर से दर्द रहने लगा फिर डॉक्टर को दिखाया उसने एक्स-रे करवाया कोई दवाइयां दी फिर एक डेढ़ महीना बाद में फिर शुरू हो गया तो फिर डॉक्टर के पास गए अब उसने m.r.i. लिख दी जो हमने उस समय नहीं करवाई दवाइयां खाते रहे और उसने लगाने की मतलब दी थी एक वह लगाते रहे और सलाह दी थी कि एक कमर की बेल्ट ले लेना लगाने के लिए तो वह हम ने ले ली तो उससे काफी आराम रहा और अब तक कभी बेल्ट लगाने की जरूरत पड़ती और कभी नहीं कुछ पेन किलर खाने पड़ते काम चलता रहा कभी किसी तरह की कोई खास परेशानी नहीं आई

लेकिन अभी पिछले साल पिछले साल क्यों 2019 में मैं गुजरात की यात्रा पर गया तो गुजरात की यात्रा मैंने ट्रेन से की ट्रेन में बैठने के बाद मेरे पैरों में एक खास तरह की सनसनाहट शुरू हो गई मैं चिंतित हुआ सोचा ऐसे चला तो यात्रा शात्रा गई खटाई मैं बपिस ही जाना होगा अब तो ।।

सोचा दवाई खा लेंगे तो दब जाएगा तो मैं अपने साथ दवाइयां ले गया था तो पेन किलर मैंने खानी शुरू कर दी और वाकई में उससे बहुत हद तक तकलीफ बंद हो गई

पूरा 20 दिन गुजरात की यात्रा में मैं रहा मुझे वहां कोई परेशानी नहीं आई अब आपको पता है यात्रा में ऊंचा नीचा सामान उठाना और शारीरिक श्रम यह सब आम बात है तो यह सब चलता रहा कोई परेशानी नहीं आई

हम गुजरात के कोस्टल एरिया तक अर्थात रण आफ कच्छ तक भी यात्रा करके आए जिसमें बस की यात्रा कार की यात्रा कभी टेंपो की यात्रा और रण आफ कच्छ मैं ऊंट की यात्रा तक हमने की कोई तकलीफ नहीं हुई

और वह पैरों के संसनाहट भी सब गायब हो गई मैं आमतौर पर जिम एक्सरसाइज करता रहता हूं जिससे शरीर की फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहे और किसी प्रकार की मांसपेशियों और जोड़ों की दर्द वगैरह जोकि हमारी उम्र में खास बात है होती रहती है वह ना हो तो काम चलता रहा फिर भी सावधानी के नाते मैंने कहा चलो एक बार डॉक्टर को दिखा लेते हैं तो मैंने न्यूरोलॉजिस्ट से कंसल्ट किया और उनको अपनी परेशानी बताई उन्होंने कई सारी दवाई लिख दी ।।

MRI लिख दी और दोनों पैरों की जो रीड की हड्डी से नस नाड़िय आती है उनका भी इलेक्ट्रॉनिक एनालिसिस करने के लिए लिख दिया हमने सोचा कोई बात नहीं करवा लेते हैं हां उन्होंने दो टेस्ट खास तरह के ब्लड के भी लिखें जोकि विटामिन B12 तथा कैल्शियम के लिए करवाए जाते हैं मैंने पूछा यह किसलिए तो उन्होंने कहा आमतौर पर यह चीज है बड़ी उम्र के लोगों में कम हो जाती है नशे नाडिया भी कमजोर होने की वजह से तकलीफ देने लगती है तो आपकी शिकायत के अनुसार मैंने उनको टेस्ट करवाना जरूरी समझा जब उनके रिजल्ट्स आए तो रीड की हड्डी से दोनों पैरों की नसो नाड़ियों में अर्थात नर्वस सिस्टम में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई लेकिन एक अचंभे की बात यह हुई की विटामिन B12 तथा कैल्शियम यह दोनों नॉर्मल मात्रा से काफी कम निकले जो कि मेरे लिए बहुत ही हैरानी की बात थी

अब एक टेस्ट रह गया था एम आर आई जोकि उस समय डॉक्टर की बताई हुई दवाइयां खाने के बाद मेरी तकलीफ बिल्कुल ठीक हो गई और मैं फिर उसी प्रकार से अपनी दिनचर्या में लग गया अब आप तो जानते ही हैं एक चिकित्सक और एक साहित्यकार दोनों का जो कार्य है वह लगातार बैठने का है तो उस दिन चर्या में चलते चलते किस समय और कब रीड की हड्डी के कमर वाले हिस्से के अंदर कुछ डी जेनरेटिव बदलाव आने शुरू हो गए विटामिन B12 तथा केल्शियम तो मैं लगातार ले रहा था लेकिन 3 साल कोविड के चलते घर से बाहर निकलना बहुत कम हुआ और इस वजह से जो नेचुरल धूप थी वह ना के बराबर मिली मैं समझता हूं यह भी कारण रहा होगा विटामिन B12 तथा कैल्शियम की कमी का हमारा शरीर सूर्य की किरणों से ऊर्जा से त्वचा के माध्यम से इन दोनों चीजों का निर्माण जरूरत के मुताबिक करता रहता है तथा कुछ जरूरत हमारे प्रतिदिन के भोजन से पूरी होती रहती है लेकिन बड़ी उम्र में एक तो इसकी जरूरत ज्यादा होती है और दूसरा जरूरत की मात्रा के अनुसार धूप ना मिलने के कारण भी यह कमी सामान्य मात्रा से काफी नीचे आ गई थी और उसकी वजह से हमारे शरीर की कुछ कुछ हड्डियों में बदलाव अर्थात डीजनरेशन या ओस्टियोपोरोसिस होने लगता है

हरि इच्छा तो चलते चलते 2019 से आज 2022 में ऐसी स्थिति आ गई के बाएं पैर के अंदर सुन होने की शिकायत होने लगी मैं इसी विशेष कारण से अपनी रीड की हड्डी की m.r.i. करवाने अस्पताल पहुंचा रिपोर्ट मिलने के बाद बाद में डॉक्टर को दिखाकर उनकी सलाह दी जाएगी पैरों में सुन्नता आना यह एक काफी खतरनाक वा डरावना लक्षण है मैं काफी घबरा गया हूं इसी कारण से आज मैं दिनांक 13 फरवरी 2022 को अपनी एम आर आई कराने अस्पताल पहुंचा था सोचा था एक-दो घंटे के अंदर फ्री हो जाऊंगा चूंकि प्राईवेट हस्पताल पेसे भी पूरे खेंच के लेते हैं इसलिए लेकिन यहां भी मरीजो की संख्या उसी तरह से थी अर्थात ये समझिये की सारी दुनिया बीमार है ।

लेकिन सुबह 10:00 बजे के पहुंचे पहुंचे अभी शाम के 6:00 बज गए तो कथा का सार अर्थात मेरी सत्य कथा का संस्मरण जो मैं आप सबके सामने रखना चाहता हूं उसकी पृष्ठभूमि में यह सारी बात मुझे आपको बतानी पड़ी ।

मैं समझता हूं आपसे शेयर करने के बाद नंबर 1 यह जानकारी आपके पास पहुंचेगी तो आप सबकी दुआएं आशीर्वाद और प्रार्थनाएं मुझको मिलेंगी

दूसरा मेरी जानकारी के द्वारा जो अन्य साथी इसी प्रकार की तकलीफों से जूझ रहे हैं उनको अपनी चिकित्सा में मेरी तरह ढील ना करने का ज्ञान भी मिलेगा ।

क्योंकि मैंने अपने इलाज में काफी लापरवाही बढ़ती अब मैं आपको m.r.i. कक्ष में किस प्रकार की किस प्रकार की हालात और मशीन के अंदर जाने के बाद किस प्रकार की अनुभूति मुझे हुई वह सब आपके समक्ष बयान करता हूं

मुझे सबसे पहले एम आर आई सहायक ने एक फॉर्म भरने के लिए दिया उसमें तमाम तरह के विवरण थे जो अब तक की चिकित्सा से संबंधित थे तमाम तरह की जानकारियां थी और तमाम तरह की ऐसी जानकारियां थी जैसे कोई हृदय पेसमेकर तो नहीं लगा कोई वाल्व तो नहीं लगा है कोई ह्रदय में स्टेंट तो नहीं लगा है

ये सब मेटेलिक चीजें होती हैं MRI की मशीन को इन सब से एलर्जी होती है । कोई भी चुम्बकीय या धातु की वस्तु सब वर्जित हैं MRI कक्ष में।

आप किसी प्रकार की विषाक्तता या ऐसी आदतों के शिकार तो नहीं है जैसे शराब पीना धूम्रपान करना गुटखा वगैरह खाना आदि आदि सो सब जानकारियां मैंने फॉर्म में भरी, वह फार्म 4 पेज का था और उसमें चार जगह मुझे साइन करने पड़े फिर उन्होंने पूछा आपके साथ कोई आया है उनकी भी जानकारी तथा फोन नंबर फॉर्म में भर दिए गए सुबह से बैठे शाम 5:00 बजे तक जब मेरा नंबर आया तो मैं पूरी तरह से थक चुका था

तो चुपचाप जैसे जैसे वह कहते गए और मैं करता गया फिर उन्होंने मुझे अस्पताल की पोशाक पहनने के लिए कहा जो मैंने पहन ली सारे शरीर पर उन्होंने चेक किया किसी तरह की कोई धातु की वस्तु या चुंबकीय वस्तु तो नहीं है उसके बाद मुझे मशीन के पास ले जाया गया

मैंने मास्क लगा रखा था चेहरे पर आपको तो मालूम ही है कोरोना की वजह से आजकल किसी भी तरह से बिना मास्क के लगाए कोई भी बाहर नहीं जा सकता है तो वह निकाला उसके बाद में उन्होंने पेपर बेडशीट चेंज करी और मशीन पर मुझे लिटा दिया मेरे सिर को एक खास तरह के सॉफ्ट सांचे में फिट किया गया तथा मेरे कानों के दोनों तरफ स्पंज के तीन चार टुकड़े लगा दिए गए उसका कारण मुझे बाद में पता चला पहले मैं सोच रहा था कि वह इसलिए लगाए हैं कि जिससे मेरा सिर्फ इधर-उधर ना हिले लेकिन उनका कार्य मुख्य था मशीन के अंदर आने वाली आवाजें मेरे कानों को परेशानी या नुकसान ना हो ये इसलिए लगाए गए थे और साथ ही साथ मेरे सिर को इधर-उधर ढुलकने की वजह से रोकने के लिए भी उनका लगाने का पर्पज था ।

मेरे दोनों हाथों को मेरे घुटनों के पास सीधा रखवा दिया गया उसके बाद धीरे-धीरे मशीन मुझे अंदर ले गई अंदर ले जाने के बाद उसके 2 मिनट के बाद मशीन में से पहले ठक-ठक ठक-ठक जैसे कील ठोकी जा रही हो , की आवाज आती रही फिर उसके बाद वह शांत हो गई और उसके 2 मिनट बाद घर्र घर्र घर्र की आवाज आने लगी वह आवाज काफी तेज व देर तक चली और लगभग 3 या 4 मिनट बाद वह आवाज बंद हो गई शेर मशीन मुझे 3 से 4 इंच अंदर और सरका ले गई उसके बाद वही आवाजें फिर से आने लगी और फिर एक अलग तरह की आवाज आवाज आई कोई बड़ी मशीन चल रही हो घ्रर्रर घर्रर वह आवाज काफी तेज थी इसी प्रकार मशीन ने यह प्रक्रिया 4 बार दोहराई

मेरी पूरी रीड की हड्डी का अंदाजा लगाने के लिए अर्थात गर्दन से लेकर नीचे कमर के नीचे तक अर्थात मेडिकल भाषा में सर्वाइकल डोर्सल लम्बर सेक्रम कौसीक इत्यादि रीड की हड्डी के जो हिस्से होते हैं गर्दन के अंदर 7 हड्डियां पीठ के अंदर 12 हड्डियां कमर की पांच हड्डियों उसके नीचे की पांच हड्डियों और उसके नीचे

की 4 हड्डियां रीड की हड्डी की पूँछ तक जो कि हमारा मूलाधार होता है वहां तक का पूरा स्केन किया गया और वही आवाजें लगभग 6 से 10 बार आती रही और अलग-अलग हिस्सों का हमारा ही होता रहा इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 20 से 25 मिनट का समय लगा ।।

हमारे मेरुदंड में इस तरह 33 हड्डियां होती हैं सभी का स्केन किया गया ।

उसके बाद मशीन ने मुझे बाहर निकाला और जो सहायक थे उन्होंने मुझे उठने के लिए कहा मैं उठ करके मशीन से बाहर आ गया अपना मास्क लगाया अपनी चप्पल पहनी और उस कक्ष से बाहर आ गया ।

इस प्रकार मेरा MRI पूरा हो चुका था अब सवाल था इसके द्वारा बनाई हुई एयरपोर्ट का और एम आर आई फिल्म का जो पूछने पर पता चला कि वह दोनों चीजें आपको सोमवार को मिलेंगी ।

तो आज शनिवार था सोमवार मतलब एक दिन छोड़कर इस प्रकार से अरुण कुमार शास्त्री एक अबोधबालक अरुण अतृप्त ने आप सभी सज्जनों और देवियों के सामने अपना MRI कराने का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत अपने संस्मरण के तौर पर आपके सामने रखी है ।

आशा करता हूं आपको एम आर आई की जानकारी वह उस प्रक्रिया के दौरान किस किस तरह की अनुभव से गुजरना पड़ता है इस सब की जानकारी आपको मिल चुकी होगी । धन्यवाद ओम हरि ओम ओम जय श्री गणेशाय नमः ओम जय श्री शिव ओम

Language: Hindi
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