.? उसे कैसे भुला दूँ मैं , दिया उपनाम है मुझको ?
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मधुर मुस्कान से मेरी , पराजय जीत में बदले ।
उदासी को दिखा आशा, मधुर संगीत में बदले ।
उसे कैसे भुला दूँ मैं , दिया उपनाम है मुझको ,
भुला कर गम ज़माने के, सुखों की रीत में बदले ।**************************************
वीर पटेल