.? बसंती ओढ़कर चूनर , धरा ससुराल जाती है “
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गगन के संग मगन देखो, बड़ी खुशहाल जाती है ।
विविध रंगों के सुमनों से , सजाये बाल जाती है ।
धरा साड़ी हरित पहने , किये श्रृंगार सोलह सब,
बसंती ओढ़कर चूनर , सजी ससुराल जाती है ।
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वीर पटेल