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कितने लाइक करें आपको कितने करें कमेंट ।
आप भी मन की गाँठ खोलिए हे कवि परमानेंट ।।
कोमल कवि हृदय को नाहक निष्ठुर नहीं बनाओ ।
दरिया दिल बन जाओ कविवर मिलेंगे डॉलर सेंट ।।
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सुभाष राहत बरेलवी
बरेली उत्तर प्रदेश
मोबा –70 176099 30