? मान – सम्मान ?
? मान – सम्मान ?
इस संसार में मानव की मान- सम्मान व उसकी अस्मिता उसके प्राणों से भी बढ़कर रहती है । इसलिए मरने के लिए कोई डरता नहीं। आज भी मरना है, कल भी मरना है। लेकिन उसका सम्मान व उसकी अस्मिता हमेशा-हमेशा जीवित रहना चाहिए। जब-जब शक्तिशाली अपने ही अंश को धिक्कारने लगता है, उसे अपने में समाहित करने में ओर एक अंश देने में भी मना करता है। उस स्थिति में विनाश होता है, परिवर्तन होता है। जैसे धरती अपने में सभी रंग को समाहित करके निम॔ल पानी देती है, वैसे ही हमें सबको समाहित करना है, सबको एकता के माला में मानवता लाना है। सबको भारतीयता का रंग देना है। जहाँ सभी रंग मिले है तभी पानी जैसे निम॔लता आ सकती है। भारतीयता का रंग पानी जैसा है , सभी में पानी है, इसीलिए हमेशा-हमेशा भारतीय रहेगा। भारतीय होने में सभी में गव॔ है। किसी भी प्रकार से ठेस न पहुंचाते हुये सभी जीव का भरण-पोषण हो सके । सभी को न्याय, मुलभुत अधिकार व सम्मान व समाज में सम्मान के साथ अपना स्वयं का परिवार का व देश के विकास में हमेशा योगदान रहे , देश प्रेम की भावना जागृत रहे।