【1】 घर एक आईना
प्राचीन समय से ही इंसान जंगलों में निवास करता आया है। घर की बात करें, तो संसार में सभी के घर होते हैं। फिर भले ही वह जानवर हो, पक्षी हो अथवा इंसान। बिना घर के कोई भी नहीं रहता। एक छोटे बच्चे का जन्म जब घर में होता है, तो उसके लिए यह संसार बिल्कुल नया – नया सा लगता है। उसे कुछ नहीं पता होता कि संसार है क्या ? उस छोटे बच्चे का प्रथम गुरु के रूप में बात करें, तो बच्चे की प्रथम गुरु बच्चे की माता ही होती है। और माँ यदि संस्कारवान और सुशील है, तो निश्चित सी बात है, कि उसकी संतान भी संस्कारवान और सुशील ही होगी। इसके अलावा दूसरे पहलुओं पर चर्चा करें, तो परिवार में बच्चा जिस प्रकार का माहौल देखता है। वैसे ही उसके संस्कार पक्के हो जाते हैं। या उसके बड़े जैसा करते हैं, वैसी ही करने की बच्चा भी वैसी ही चेष्टा करने लगता है । बच्चे के सामने यदि हम अच्छे और महान व्यक्तियों का आचरण करते हैं, तो आपके घर में जन्म लिया बच्चा भी अच्छे और महान आचरण वाला ही बनता है। लेकिन इसके अलावा नकारात्मक विचार पर यदि थोड़ा प्रकाश डालें, तो इस बात का पता चलता है। कि आप बच्चे के सामने यदि नकारात्मक कार्य करें या नकारात्मक सोच रखें तो बच्चे में भी नकारात्मक कार्य और नकारात्मक सोच जन्म ले लेती है। हम सभी इस बात पर गौर नहीं करते हैं, कि बच्चे पर इसका क्या असर पड़ेगा। देखा जाए तो बच्चे का मन है बिल्कुल कोरे कागज की तरह होता है। और जिस प्रकार से हम उसके सामने आचरण करते हैं बच्चे का भी वैसा ही आचरण हो जाता है। इस बात की पुष्टि करने के लिए कि घर एक आईना होता है दो उदाहरण ले लेते हैं हम छोटे बच्चों में एक बच्चा शेर का लेते हैं। और एक बच्चा कुत्ते का बच्चा लेते हैं। दोनों को पालना प्रारंभ करते है। शेर के बच्चे को बिल्कुल अपनापन का व्यवहार किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं सिखाते। साथ ही शाकाहारी भोजन दूध दही जैसे भोजन प्रदान करते हैं। कभी भी बर्बरता पूर्ण आचरण नहीं करते। घर के सभी लोग उसके साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुत्ते के बच्चे के लिए बहुत ही क्रूरता पूर्ण खाना देना। भूखा रखकर कई दिनों में खिलाना। बर्बरता पूर्ण आचरण करना सिखाना। हमला कर दूसरे जीवो को मारकर खाना । एक – दो साल के अंदर दोनों के बर्ताव में पूरा परिवर्तन आ जाता है। शेर और कुत्ते के बच्चे को यदि पास पास लाया जाए तो शेर का बच्चा कुत्ते के बच्चे को जैसे ही दिखेगा वैसे कुत्ते का बच्चा शेर पर हमला कर मारने तक तैयार हो जाता है। कुत्ते का बच्चा शेर जैसा बन जाता है। शेर का बच्चा कुत्ते जैसा बन जाता है। संग का रंग एक न एक दिन लग ही जाता है। इसलिए अपने परिवार को बहुत ही संस्कार और अच्छाइयों से युक्त बनाए रखें। इससे आने वाले समय में जो भी आपके परिवार में बच्चे का जन्म होगा। वह बच्चा सुशील होनहार और कामयाब इंसान बनेगा। इसलिए कहा गया है कि घर बच्चे के लिए आईना जैसा होता जिसमें जैसा प्रतिबिंब हम आईने में देखते हैं वैसा ही प्रतिबिंब हमें नजर आता है। आईना कभी भी झूठ नहीं बोलता है। क्योंकि आईने में सुंदर व्यक्ति देखता है, तो सुंदर दिखता है। और कुरूप व्यक्ति देखता है तो कुरूप दिखता है। इस बात से यही विदित होता है, की हमें बच्चों के सामने कोई भी नकारात्मक काम का गाली – गलौच, लड़ाई – झगड़े आदि नहीं करने चाहिए। कभी भी अपने बच्चों के सामने नकारात्मक बातें, नकारात्मक कार्य या नकारात्मक सोच को कभी भी उजागर नहीं करनी चाहिए।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599