【【{{हो नही सकता}}】】
मुझे कोई ज़िन्दगी दो जीने को,खाली सांसों का बोझ मैं नही ढो सकता.
हुनर मुझमें उबाले मार रहा है,वक़्त की खामोशी मे मैं नही सो सकता।
भीड़ चाहे लाखों की हो या करोड़ो की,बिना मंज़िल पाये मैं कभी खो नही सकता।
लाख मुसीबतें चाहे किस्मत में लिखो मेरी,बेकारी के आँसू मैं कभी रो नही सकता।
कोई सस्ती कलम नही है मेरे हाथ मे,कुछ लिखूं और वो मिसाल न बने ये हो नही सकता।