【【{{इश्क़ का मंगलसूत्र}}】】
तेरे इश्क़ का मंगलसूत्र मुझे भी अपने दिल में बांध
लेने दे,ज़माना उंगली उठाता है.
कब तक मिलूं तुझे चोरी छिपे,हर इंसान बातें
बनाता है।
हमारी मोहब्बत को भी ओढ़ने दो घूँघट ज़रा,
पूरा शहर आँखे दिखाता है.
नजर ना लग जाये कहीं किसी बेरहम वक़्त की,
ये हवा का शोर भी शक जताता है.
कैसे मिलें इतनी बंदिशों में रहकर,ये दुनिया का
पहरा लाख निगाहें लगाता है.
विस्वास भी तो नही होता अब किसीपर,नए दौर में
हर चेहरा नक़ाब ओढ़ कर आता है।
पूरा आसमान ही रूठा लगता है,जो आज बादलों में
अपना घर छुपाता है।