Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2023 · 1 min read

❤बिना मतलब के जो बात करते है

❤बिना मतलब के जो बात करते है
वो वही है जो हमे प्यार करते है❤

वृक्ष कभी फूलों को नही गिनता
नित नये सर्जन मे लगा रहता है

3 Likes · 322 Views

You may also like these posts

हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
Dhirendra Singh
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
VINOD CHAUHAN
Sitting in a metro
Sitting in a metro
Jhalak Yadav
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
Dr fauzia Naseem shad
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
Manisha Wandhare
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Shikha Mishra
वीरांगनाएँ
वीरांगनाएँ
Dr.Pratibha Prakash
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
प्रार्थना
प्रार्थना
Shyam Sundar Subramanian
आस्था
आस्था
Rambali Mishra
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
Neelofar Khan
-मेरा प्यार तुम्ही हो -
-मेरा प्यार तुम्ही हो -
bharat gehlot
एक   राखी   स्वयं के  लिए
एक राखी स्वयं के लिए
Sonam Puneet Dubey
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मां जैसा ज्ञान देते
मां जैसा ज्ञान देते
Harminder Kaur
🙅बताएं चापलूस🙅
🙅बताएं चापलूस🙅
*प्रणय*
*प्यासा कौआ*
*प्यासा कौआ*
Dushyant Kumar
डर लगता है।
डर लगता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
जिंदगी
जिंदगी
sushil sarna
कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं...?
कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं...?
पूर्वार्थ
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
Buddha Prakash
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
खुद पहचान
खुद पहचान
Seema gupta,Alwar
*देव हमें दो शक्ति नहीं ज्वर, हमें हराने पाऍं (हिंदी गजल)*
*देव हमें दो शक्ति नहीं ज्वर, हमें हराने पाऍं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...