Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2023 · 2 min read

✍🏻 ■ रसमय दोहे…

✍🏻 ■ रसमय दोहे…
【प्रणय प्रभात】

✍🏻 श्रृंगार रस
“मिलन-विरह दो पक्ष जो करता है साकार।
नव-रस का सिरमौर रस कहलाता श्रृंगार।।”

✍🏻 वीर रस
“रग-रग में भर दामिनी जो कर दे रणधीर।
परिपूरित उत्साह से कहलाता रस वीर।।”

✍🏻 करुण रस
“दया भाव पैदा करे, हृदय जगा दे पीर।
वही करुण रस जो करे विचलित और अधीर।।”

✍🏻 वात्सल्य रस
“कर्म वचन मन में सहज ममता जाए जाग।
वात्सल्य है रस वही जो भर दे अनुराग।।

✍🏻 वीभत्स रस
“भावों में भर दे घृणा कर दे चैन हराम।
उस रस को वीभत्स का दिया गया है नाम।।”

✍🏻 रौद्र रस
“करे रुद्र सा क्रुद्ध जो नयन भरे अंगार।
रस विराट है रौद्र रस महिमा अपरंपार।।”

✍🏻 हास्य रस
“तन-मन दोनों को करे मस्ती से भरपूर।
सरस बहुत है हास्य-रस हर चिंता से दूर।।”

✍🏻 अद्भुत रस
“जो अचरज में डाल दे मानस करे विहंग।
अद्भुत रस कहते उसे जिसका अद्भुत रंग।।”

✍🏻 भयानक रस
“भय से भर दे आत्मा कम्पित करे शरीर।
वही भयानक रस समझ जो कर देत अधीर।।”

✍🏻 शांत रस
“मन-वाणी शीतल करे, नष्ट करे हर क्लांत।
अस्थिर चित स्थिर करे बस वो रस है शांत।।”

✍🏻: भक्ति रस
श्रद्धामय मन को करे दे प्रभु पथ पर मोड़।
उसे कहेंगे भक्ति-रस हम दोनों कर जोड़।।”
कृपया याद रखें। साहित्य के रस पहले 9 ही थे। जिनमें “शांत रस” को 10वें रस के रूप में जोड़ दिया गया। पता चला है कि इसी क्रम में 11वें रस के रूप में “भक्ति रस” को भी मान्य कर लिया गया है। आशा है, रसों की पहचान और विशेषता बताने वाले उक्त दोहे उच्च व उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियोँ के लिए रोचक, पठनीय, स्मरणीय, संग्रहणीय व उपयोगी सिद्ध होंगे।।आ

571 Views

You may also like these posts

मुड़े पन्नों वाली किताब
मुड़े पन्नों वाली किताब
Surinder blackpen
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
Rachana
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
*जो मिले भाग्य से जीवन में, वरदान समझ कर स्वीकारो (राधेश्याम
*जो मिले भाग्य से जीवन में, वरदान समझ कर स्वीकारो (राधेश्याम
Ravi Prakash
12. Dehumanised Beings
12. Dehumanised Beings
Ahtesham Ahmad
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
Sonam Puneet Dubey
तुम बिन
तुम बिन
ललकार भारद्वाज
भविष्य की पुकार
भविष्य की पुकार
Nitin Kulkarni
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
Rj Anand Prajapati
😢आतंकी हमला😢
😢आतंकी हमला😢
*प्रणय*
बसंत
बसंत
Indu Nandal
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
3830.💐 *पूर्णिका* 💐
3830.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Dr Archana Gupta
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
Meera Thakur
***दिव्यांग नही दिव्य***
***दिव्यांग नही दिव्य***
Kavita Chouhan
जंग अहम की
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
मनोकामनी
मनोकामनी
Kumud Srivastava
पुरानी पेंशन पर सवाल
पुरानी पेंशन पर सवाल
अवध किशोर 'अवधू'
हम ख़्वाब की तरह
हम ख़्वाब की तरह
Dr fauzia Naseem shad
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
पति की विवशता
पति की विवशता
Sagar Yadav Zakhmi
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तेजस्वी जुल्फें
तेजस्वी जुल्फें
Akash Agam
मन माही
मन माही
Seema gupta,Alwar
ये बहाव भी जरूरी है,ये ठहराव भी जरूरी है,जरूरी नहीं ये धूप ह
ये बहाव भी जरूरी है,ये ठहराव भी जरूरी है,जरूरी नहीं ये धूप ह
पूर्वार्थ
Loading...