✍️तुम्हे…!✍️
✍️तुम्हे…!✍️
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तुम्हे…!
अगर बिछड़ना था हमसे
तो कुम्भ के मेले भी लगे थे
एक दास्ताँ तो बन जाती
एक कहानी ओर लिखी जाती
ना फिर दिल में ख़लिश होती
ना मिलने की ख्वाईश होती
जरूर किसी दास्ताँ में ढूँढ लेते
या कोई कहानी में पढ़ ही लेते
तुम्हे…!
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✍️”अशांत”शेखर✍️
23/07/2022