✍️हम भारतवासी✍️
✍️हम भारतवासी✍️
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माना ईंट पत्थर के मकान है
पर उनकी भी एक ज़बान है
उस चार दिवारी के अंदर में
बसते तो सिर्फ कुछ इंसान है
उसकी पनाह में यूँ जिंदगी
गुजरती बड़ी ही आसान है
दीवारों पर टंगी है कुछ यादे
हर घर में रहती है,वो शान है
किताबो से सजा एक कोना
वही तो हम सबकी जान है
घर सबकी ज़मी,आसमां है
हर परिवार का एक जहांन है
यही तो ख़्वाब निखरते है
यही से पैदा होते अरमान है
गर समय पर कोई ना लौटे
तो पहले घर ख़ामोश हैरान है
काश कोई ये समझ जाता के..
एक पूरा परिवार हमारा वतन है
एक दूसरे के हाथ का हो साथ
हम भारतवासी का यही सम्मान है
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✍️”अशांत”शेखर✍️
22/06/2022