Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2022 · 1 min read

✍️लोकशाही✍️

✍️लोकशाही✍️
……………………………………………………//
काय ती झाडी..काय त्यो डोंगर..
काय ते हॉटेल.. समद ओके आहे

काय ती पार्टी.. काय त्यो आमदार
काय ते खुर्ची .. समदेच सत्तेचे बोके आहे

काय ती सत्ता.. काय त्यो खासदार
काय ती गुर्मी.. समद्याला पन्नास खोके आहे

काय ती प्रजा.. काय त्यो सरकार
काय ती नर्मी.. समद्याचे सुन्न डोके आहे
…………………………………………………………//
✍️”अशांत”शेखर✍️
12/07/2022

Language: Hindi
164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता
कविता
Shiva Awasthi
बधाई
बधाई
Satish Srijan
4402.*पूर्णिका*
4402.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
Ranjeet kumar patre
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
दीपक झा रुद्रा
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
VINOD CHAUHAN
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
#इधर_सेवा_उधर_मेवा।
#इधर_सेवा_उधर_मेवा।
*प्रणय*
पुराने घर की दरारें
पुराने घर की दरारें
Chitra Bisht
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
यह चाय नहीं है सिर्फ़, यह चाह भी है…
Anand Kumar
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
पूनम का चांद
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
"प्यासा"-हुनर
Vijay kumar Pandey
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Chaahat
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
प्रकृति का प्रकोप
प्रकृति का प्रकोप
Kanchan verma
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पर्व दशहरा आ गया
पर्व दशहरा आ गया
Dr Archana Gupta
सच्चाई का रास्ता
सच्चाई का रास्ता
Sunil Maheshwari
मिलते हैं...
मिलते हैं...
ओंकार मिश्र
"ये इतिहास है"
Dr. Kishan tandon kranti
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...