✍️रात साजिशों में है✍️
✍️रात साजिशों में है✍️
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बेशक ऊंचाई से मिलो गहराई नाप के चलो
कोई भी झरना दरिया से मिलकर फ़ना होता है ।1।
रात साजिशों में है सुबह का तो इंतजार करो
उजालों के पहले अँधेरा ज्यादा ही घना होता है ।2।
पास दिखती मंझिलो की राह परख के चलो
दुश्मनों की नज़र में पहले अपना सीना होता है ।3।
वक़्त के ज़ख्मो का इलाज ख़ामोशी से करो
वर्ना नासूर घाव के शोर में दुश्वार जीना होता है ।4।
मयकदे में सजी है परेशां यारो की महफ़िल
दर्द की दास्ताँ में रोना और साथ पीना होता है ।5।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
12/07/2022