✍️मनसूबे✍️
✍️मनसूबे✍️
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वो सोच रहा है मुझे बदनाम
करके अपना नाम बना लेगा
मेरे सर पर इनाम रख के वो
कुछ अपना मक़ाम बना लेगा
मेरे एक अल्फ़ाज़ के बराबर
नहीं है तेरे दौलत की किंमत
मेरे हाथ में कलम है सोच लें
तेरे मनसूबे नाकाम बना लेगा
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©✍️’अशांत’ शेखर✍️
22/08/2022