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13 Sep 2022 · 1 min read

✍️बहोत उलझे हुए है…

दुनियाभर के मसले है
ये जेहन के भीतर अभी सुलझे नहीं

बर्दाश्त किये जा रहे है
जिंदगी से हम भी कभी उलझे नहीं
………………………………………………………………//
©✍️- ‘अशांत’ शेखर
14/09/2022

3 Likes · 6 Comments · 317 Views

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