✍️बहोत उलझे हुए है…
दुनियाभर के मसले है
ये जेहन के भीतर अभी सुलझे नहीं
बर्दाश्त किये जा रहे है
जिंदगी से हम भी कभी उलझे नहीं
………………………………………………………………//
©✍️- ‘अशांत’ शेखर
14/09/2022
दुनियाभर के मसले है
ये जेहन के भीतर अभी सुलझे नहीं
बर्दाश्त किये जा रहे है
जिंदगी से हम भी कभी उलझे नहीं
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©✍️- ‘अशांत’ शेखर
14/09/2022