✍️जिंदगी खुला मंचन है✍️
✍️जिंदगी खुला मंचन है✍️
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जिंदगी क्या है..?
जिस्म के जीवित
एहसासो का एक
खुला मंचन है..!
अपने ही कोशिशों से
इस जीवन के
रंगमंच को सजाना है
खुशियों में रंजो गम के
ताज सर पे चढाना है
रंजो दर्द में दिल-ख़ुशी के
साज चेहरे से उतारना है
जीवन के हर
मुश्किल किरदार में ढलना है
और अस्सल किरदार
ने रोज तकलीफों से लड़ना है
जिंदगी क्या है…?
दिन में ख्वाईशो के लिए जिंदा रहना
रात को ख़्वाबो की चाहत में मर जाना
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✍️”अशांत”शेखर✍️
07/07/2022