✍️गलतफहमियां ✍️
डोर कितनी भी मजबूत क्यों ना हो,
उसे कमजोर कर देती है ये गलतफहमियां,
रिश्ते खून के ही क्यों ना हो,
उसमे दरार ला देती है ये गलतफहमियां,
कोई कितना भी दिल के करीब क्यों ना हो,
उन्हे दिल से दूर कर देती है ये गलतफहमियां,
बंधन सात जनमों का ही क्यों ना हो,
उसे चंद लम्हों में बिखेर देती हैं ये गलतफहमियां,
संभाल कर रखो अपने नायाब रिश्तों को,
कहीं तुम्हे अकेला ना कर दे ये गलतफहमियां।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी