✍️अच्छे करम मांगता हूँ✍️
✍️अच्छे करम मांगता हूँ✍️
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आज कल मैं सब की सुनता हूँ
अपनी जुबाँ बहोत ही कम चलाता हूँ
मैं उनके सोच पे यकीन करता हूँ
अपनी अक़्ल को जरा आराम देता हूँ
अब सीधें सीधें रास्तो पे चलता हूँ
आड़ेटेढ़े मोड़ पे अपने कदम रोकता हूँ
सब के लिए खैरियत जापता हूँ
बड़े छोटे सबकी दुवां सलाम लेता हूँ
रक़ीब को भी साथ बिठाता हूँ
अपने दुश्मन को भी अज़ीम कहता हूँ
‘अशांत’ मन में शांति चाहता हूँ
हाथो से मेरे हो अच्छे करम मांगता हूँ
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✍️”अशांत”शेखर✍️
30/06/2022