"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नहीं आऊँगा तेरी दर पे, मैं आज के बाद
बहुत लोग जमा थे मेरे इर्दगिर्द मुझे समझाने वाले।
आजकल की दुनिया जितने वाले हौसला बढ़ाते है लेकिन मैं हारने वा
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
सफल लोगों की अच्छी आदतें
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर के ज़ालिम थपेड़ों को,
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ
Health, is more important than