☝️ कर्म ही श्रेष्ठ है!
☝️ कर्म ही श्रेष्ठ है!
एक ऐसा कलयुग आएगा ,
तू राम नाम चिल्लाएगा।
ना रहेगा कुछ खाने को,
ना रहोगे तू दिखाने को।
पल भर में सब खोओगे,
ना कुछ पाओगे,ना भोगोगे।
बस हाथ धर पछताओगे,
फिर राम नाम ही चिल्लाओगे।
राम नाम के फेर में ,
घूम रहा है,जीवन तेरा।
तू है भ्रमित
और कर रहा,जग तुझको।
करूं मैं क्या,क्या नहीं
यह बन रही कहावत है।
नाम रटु या कर्म करूं,
इसमें उलझा जीवन पूरा।
जो राम नाम पर लड़ रहा,
कर रहा है भ्रष्टाचार।
तुझे क्या मालूम– राम कौन थे,
और तेरा कर्म क्या है।
राम पुरुषों में उत्तम थे,
कर्मों में श्रेष्ठ थे,
वे अवतारी भले थे,
पर पूजे कर्मों से जाते थे।
फिर ऐसा कलयुग आएगा,
धर्म,अपयश में बदल जाएगा।
ना पूछेगा कोई धर्म,ना ही जाति
तब श्रेष्ठ ,कर्म ही कहलाएगा।
~S.KABIRA