टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
🌹 इस्लाम ने मोहब्बत का पैगा़म दिया है ।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गर्मी से है बेचैन,जरा चैन लाइये।
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
زخم اتنے مل چکے ہیں تتلیوں س
कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है