तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
रात बदरिया घिर-घिर आए....
*हर साल नए पत्ते आते, रहता पेड़ पुराना (गीत)*
हम हरियाला राजस्थान बनायें
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर
प्यार मेरा बना सितारा है --
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
मर्यादा है उत्तम
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi