■ हम हों गए कामयाब चाँद पर…
■ हम हों गए कामयाब चाँद पर…
【प्रणय प्रभात】
23 अगस्त 2023 की शाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने विश्व-पटल पर भारत का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित कर राष्ट्र की वैज्ञानिक सामर्थ्य को एक बार फिर प्रमाणित कर दिया।
चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव की दुर्गम सतह पर शाम 6 बज कर 4 मिनट पर शान से उतरे चंद्रयान-3 के लैंडर “विक्रम” के पराक्रम की साक्षी समूची दुनिया बनी। रोवर “प्रज्ञानं” ने चंद्र-धरा पर आराम से भ्रमण करते हुए अभियान की पूर्ण सफलता पर पुष्टि की मुहर लगा दी। राष्ट्रीय संप्रभुता के प्रतीक चिह्न चाँद पर अंकित होते देख दुनिया अवाक रह गई। “इसरो” से “नासा” मुख्यालय तक दुनिया भर में चन्द्र-विजय की धूम बनी और हम जैसे लाखों रचनाधर्मियों की लेखनी को गौरव के आभास की अभिव्यक्ति का एक महानतम अवसर मिल गया। लेखनी से आनन-फानन में बहुत कुछ उपजा। उसी के कुछ अंश विविधता के साथ समर्पित हैं।
■ #कुंडली-
विक्रम अपनी गोद में, लेकर के प्रज्ञान।
उतरा जा के चाँद पर, दिन बन गया महान।
दिन बन गया महान, जगत की थी अभिलाषा।
चंद्र-धरा पर अंकित हो, मेधा की भाषा।
कहे प्रणय कविराय राम प्रभु ने दी ये दम।
सकुशल उतरा चंद्र-सतह पर अपना विक्रम।।
■ #मुक्तक-
चाँद पर लहरा गया भारत का परचम फ़ख्र है।
कोई भूलेगा नहीं इसरो का दमखम फ़ख्र है।।
गाढ़ कर प्यारा तिरँगा आज साउथ पोल पर।
चाँद पर प्रज्ञान घूमा साथ विक्रम फ़ख्र कर।।
■ #मुक्तक-
दिल-दिमाग़, आंखें टीवी पे धर के बैठे थे।
चाहत की झोली में आशा भर के बैठे थे।
हमको इसरो की क्षमता पर प्रबल भरोसा था।
जश्न मनाने की तैयारी कर के बैठे थे।।
■ #शेर-
आज चाँद पर दीवाली है,
आज चाँद पर होली है।
विश्व-विजेता न्यारा भारत
सारी दुनिया बोली है।।
■ #चलते-चलते-
“लाइम-लाइट में आकर के,
एक बार फिर टक्कर दे गई।
व्रत-पूजा तो सबने की थी,
क्रेडिट सीमा भाभी ले गई।।”
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)