माँ
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
सरस्वती वंदना
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मैं खोया था जिसकी यादों में,
गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है
मुझे अपने हाथों अपना मुकद्दर बनाना है
*युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)*
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पहले क्रम पर दौलत है,आखिर हो गई है रिश्ते और जिंदगी,
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*नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना