तेरा यूं सताना अच्छा लगता है,
You have to be ready for the unfavourables. You have to acce
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
पढ़ें चुटकुले मंचों पर नित
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
"एजेंट" को "अभिकर्ता" इसलिए, कहा जाने लगा है, क्योंकि "दलाल"
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब