■ साहित्यपीडिया से सवाल
■ बताओ तो…!!
जितने महानुभाव आपकी तथाकथित “ट्रंडिंग” के “टॉप-5” में लगातार बने हुए हैं, वो कौन से वेद की ऋचाएं या अमर कथाएं लिख रहे हैं? पता तो चले कम से कम। मानदंड क्या हैं आपके…?
मुझे लगता है कि यह एक सवाल उन सभी को पूछना चाहिए जो मेरी तरह सजग और सक्रिय हैं अपने रचनाधर्म को लेकर। वरना लोग आगे से हो कर इस बात को कहां समझेंगे कि-
“मैं पर्वतों से लड़ता रहा और चंद लोग।
गीली ज़मीन खोद के फ़रहाद हो गए।।”
शेर मेरा नहीं साहब! किसी उस्ताद का है। यहां फिट हो रहा था, तो करना पड़ा।
【प्रणय प्रभात】