■ सतर्क_रहें_सुरक्षित_रहेंगे
■ सतर्क_रहें_सुरक्षित_रहेंगे
आदतन विवादी और फ़सादी न किसी के सगे हो सकते हैं, न शुभचिंतक। इनका सहमत और संतुष्ट होना भी संभव नहीं। कलह और शरह के आदी विघ्नसंतोषियों को पहचानिए। उनकी मंशा को जानिए और सुरक्षित दूरी बनाए रखिए। उनके मेले का हिस्सा बनेंगे तो झमेले आपके जीवन का कभी न भूलने वाला किस्सा बन जाएंगे।
【प्रणय प्रभात】