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17 Jun 2023 · 1 min read

■ लेखन मेरे लिए…

■ लेखन मेरे लिए…
एक जुनून, एक शौक़ ही नहीं। एक मज़ेदार खेल भी। कुछ न कुछ नया करने की चाह। हर दिन, हर पल और नतीजा इस शेर की तरह। जिसमें कुछ न होकर भी बहुत कुछ है शायद।।
■प्रणय प्रभात■

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