■ लघु-कविता-
#लघु_कविता-
■ नारी तू नारायणी…
【प्रणय प्रभात】
“तू छाँव में तू धूप में,
हर वेश में हर रूप में।
स्तुत्य है, स्वीकार है,
गुण-धर्म का भंडार है।
जीवन के रथ की इक धुरी,
कोमल कभी रण-बांकुरी।
तू शक्ति की है साधना,
आराध्य सी आराधना।
सत्कर्म का सत्कार है।
वन्दन तुझे शत बार है…!!”
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(अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्पूर्ण मातृ-शक्ति को हार्दिक शुभकामनाओं सहित सादर समर्पित)