■ लघुकथा
#लघुकथा
■ निगरानी….
【प्रणय प्रभात】
“अच्छा चलो, एक बात बताओ! तुम यहाँ मेरे साथ मज़े कर रहे हो। यही सब तुम्हारी घरेलू बीवी भी पीछे से कर रही हो तो…?” अदा से आइसक्रीम कुतरते हुए मालिनी ने मयंक से पूछा। दोनों सहकर्मी थे और आम दिनों की तरह आज भी चौपाटी पर आए थे मौज-मस्ती के लिए। इस अप्रत्याशित से सवाल पर मयंक पल भर को थोड़ा असहज सा दिखा। फिर संभल कर बोला- “ऐसा संभव ही नहीं माय डियर। घर के सारे सीसीटीव्ही कैमरे मेरे मोबाइल से अटैच हैं और यह सब उसे भी पता है। कड़ी निगरानी के बीच कैसी गड़बड़…?” मालिनी मयंक का मुँह ताक रही थी। मयंक एक कुटिल सी मुस्कान के साथ उसकी ओर निहार रहा था। अपनी धूर्तता पर आत्म-मुग्ध सा नज़र आता।।
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★प्रणय प्रभात★
श्योपुर (मध्यप्रदेश)