Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2024 · 1 min read

■ लघुकथा / क्लोनिंग

■ लघुकथा / क्लोनिंग
【प्रणय प्रभात】
बेहद अकड़ैल, अशिष्ट था साबूलाल। इकलौते सपूत के तौर पर मिली पुश्तैनी संपत्ति और सरकारी नौकरी ने बेहूदगी के करेले को नीम चढ़ा बना दिया था। सीधी-सादी पत्नी उसकी दृष्टि में सिर्फ एक दासी थी। ना इकलौते सपूत से लगाव, न बहू से सामान्य बर्ताव। ऐसे में आस-पडोस वाले उसकी नज़र में किस खेत की मूली थे? अपनी मां व करीबियों के साथ साबूलाल का अमर्यादित बर्ताव बेटे-बहू को भी नहीं सुहाता था। पर उनका मुंह अच्छी-खासी मिल्कियत की दमक हमेशा बन्द करा देती थी। दोनों अपने इकलौते बेटे को श्रवण कुमार बनाए रखने के लिए लड़कियों की तरह पाल रहे थे। न अडोस-पड़ोस से कोई वास्ता, न बाहरी दुनिया से कोई सरोकार। घरघुस्सू सपूत बाहरी दुनिया से विमुख था। दूसरी ओर साबूलाल मन ही मन बेहद खुश था। उसे इस बात का संतोष था कि जो बेटे-बहू दबी-ज़ुबान उसे असामाजिक मानते आए। वही उसके पोते को प्राणपण से उसका कलम बनाने में जुटे हुए हैं और वंश परम्परा सही दिशा की ओर जा रही है। दूसरी ओर बेटा-बहू अपनी उस अंजानी मूर्खता से पूरी तरह अंजान थे, जो एक दौर में साबूलाल के बाप हाबूलाल से हुई थी।
👌👌👌👌👌👌👌👌👌
-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)

1 Like · 54 Views

You may also like these posts

ए मेरे अयोध्या वासी
ए मेरे अयोध्या वासी
Baldev Chauhan
14. आवारा
14. आवारा
Rajeev Dutta
तकनीकी की दुनिया में संवेदना
तकनीकी की दुनिया में संवेदना
Dr. Vaishali Verma
जग के का उद्धार होई
जग के का उद्धार होई
राधेश्याम "रागी"
50….behr-e-hindi Mutqaarib musaddas mahzuuf
50….behr-e-hindi Mutqaarib musaddas mahzuuf
sushil yadav
दो जूते।
दो जूते।
Kumar Kalhans
समय के साथ
समय के साथ
Davina Amar Thakral
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
मानव अधिकार
मानव अधिकार
‌Lalita Kashyap
चुलबुल चानी - कहानी
चुलबुल चानी - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हालात
हालात
Phool gufran
सूप नखा का लंका पहुंचना
सूप नखा का लंका पहुंचना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
” एक मलाल है “
” एक मलाल है “
ज्योति
आज मन उदास है
आज मन उदास है
Shweta Soni
" फर्क "
Dr. Kishan tandon kranti
4618.*पूर्णिका*
4618.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता
कविता
Nmita Sharma
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ललकार भारद्वाज
ऑंखों से सीखा हमने
ऑंखों से सीखा हमने
Harminder Kaur
मैं देर करती नहीं……… देर हो जाती है।
मैं देर करती नहीं……… देर हो जाती है।
MEENU SHARMA
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
रावण जल जाता
रावण जल जाता
surenderpal vaidya
इश्क
इश्क
Jyoti Roshni
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
Loading...