सभी जानते हैं इस जग में, गाय हमारी माता है
गलती सदा न दाल
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
*"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
I never force anyone to choose me. If you think you can find
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
ये कैसी मंजिल है इश्क की.....
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
पिता जी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}