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12 Jun 2023 · 1 min read

■ यक़ीन मानिए…

■ यक़ीन मानिए…
धर्म और धार्मिक भावनाओं को दुष्ट राजनीति कब्ज़े में भी ले सकती है और आहत भी कर सकती है। विशेष रूप से पाखण्ड रूपी जयचंद की मदद से। बावजूद इसके यह हथकंडे आध्यात्म को बाधित और दुष्प्रभावित नहीं कर सकते। क्योंकि आध्यात्म का मार्ग भय, लोभ, छल, ईर्ष्या, दम्भ जैसे क्षुद्र विकारों के बीच से होकर नहीं गुज़रता।।
■प्रणय प्रभात■

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